मेटा AI सुपरइंटेलिजेंस लैब्स में छंटनी

मेटा AI सुपरइंटेलिजेंस लैब्स में छंटनी: 600+ नौकरियाँ गईं, AI-करियर पर क्या असर होगा

🔥 मार्क जकरबर्ग की मेटा कंपनी ने अपने AI सुपरइंटेलिजेंस लैब्स में करीब 600 नौकरियों की कटौती कर दी है। यह कदम कुछ महीने पहले अरबों डॉलर खर्च कर टॉप AI टैलेंट हायर करने के बाद उठाया गया। 22 अक्टूबर 2025 को मेटा के चीफ AI ऑफिसर अलेक्जेंडर वांग ने आंतरिक मेमो के जरिए इसकी घोषणा की। कंपनी का कहना है कि इससे टीम तेज और ज्यादा कुशल बनेगी।

कौन-सी टीमें सबसे ज्यादा प्रभावित?

📉 मेटा AI यूनिट की छंटनी मुख्य रूप से AI इंफ्रास्ट्रक्चर, फंडामेंटल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रिसर्च यूनिट (FAIR) और प्रोडक्ट से जुड़ी AI टीमों पर पड़ी। दिलचस्प बात—नई TBD लैब को इससे बचाया गया, जहां भारी पैकेज पर रखे गए टॉप AI रिसर्चर्स काम कर रहे हैं। वांग और पूर्व गिटहब CEO नैट फ्रीडमैन इस लैब को लीड कर रहे हैं, जो मेटा के अगली पीढ़ी के फाउंडेशन मॉडल्स पर फोकस्ड है।

वांग का तर्क: कम लोग, तेज फैसले

💡 अलेक्जेंडर वांग ने मेमो में लिखा कि टीम का साइज घटाने से कम मीटिंग्स होंगी और हर व्यक्ति पर ज्यादा जिम्मेदारी आएगी। वांग, जो स्केल AI के को-फाउंडर और पूर्व CEO रहे, जून 2025 में मेटा के 14.3 बिलियन डॉलर के निवेश के बाद जुड़े। महज 28 साल की उम्र में जकरबर्ग ने उन्हें अपनी पीढ़ी का सबसे प्रभावशाली फाउंडर बताया।

छंटनी के बाद इस डिवीजन में 3000 से कम कर्मचारी बचे हैं। प्रभावित लोगों को आंतरिक दूसरी पोजीशन के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, और ज्यादातर को मौका मिलने की उम्मीद है। 21 नवंबर तक नोटिस पीरियड में 16 हफ्ते की सेवरेंस पे प्लस सर्विस के हिसाब से दो हफ्ते अतिरिक्त मिलेंगे।

वैश्विक AI-करियर पर गहरा असर

🌍 मेटा के इस पुनर्गठन का असर खासकर भारत जैसे देशों में दिखेगा। एक भारतीय महिला, जो H-1B वीजा पर अमेरिका में थीं और फरवरी 2025 में मेटा में रिसर्च साइंटिस्ट बनीं, नौ महीने में ही छंटनी का शिकार हो गईं। इससे साफ है कि बड़ी कंपनियों में भी AI जॉब्स की कोई गारंटी नहीं।

फिर भी, भारत में AI टैलेंट की मांग तेजी से बढ़ रही है। सितंबर 2025 में AI से जुड़े जॉब पोस्टिंग 11.7% बढ़े, जो पिछले साल 8.2% थे। डेटा एनालिटिक्स में 39%, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट में 23% और इंश्योरेंस में 18% पोजीशन में AI का जिक्र है। NITI Aayog की रिपोर्ट कहती है कि सही स्किलिंग से भारत अगले पांच साल में 40 लाख नई AI जॉब्स बना सकता है।

चुनौतियाँ: 10 जॉब्स पर सिर्फ एक योग्य इंजीनियर

⚠️ समस्या यह है कि हर 10 AI जॉब्स के लिए मुश्किल से एक योग्य इंजीनियर मिलता है। Goldman Sachs का अनुमान है कि AI से अमेरिका में 6-7% कर्मचारी नौकरी खो सकते हैं। स्टैनफोर्ड के शोध से पता चला कि AI से प्रभावित एंट्री-लेवल जॉब्स में 13% गिरावट आई। सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, कस्टमर सर्विस और क्लेरिकल काम सबसे ज्यादा खतरे में हैं।

मेटा का AI निवेश जारी

🚀 छंटनी के बावजूद मेटा TBD लैब के लिए हायरिंग कर रहा है। अगस्त 2025 में AI डिवीजन में हायरिंग फ्रीज लगाया था, लेकिन अब चुनिंदा रोल्स खुले हैं। OpenAI, Google DeepMind और Anthropic से 50+ टॉप रिसर्चर्स हायर किए, जिन्हें करोड़ों के पैकेज मिले—जैसे OpenAI के o-सीरीज को-क्रिएटर ट्रैपिट बंसल और GPT-4o आर्किटेक्ट्स।

यह दिखाता है कि AI इंडस्ट्री में कंपनियाँ स्ट्रैटेजी लगातार बदल रही हैं। मेटा का मकसद संगठन को फोकस्ड और एजाइल बनाना है, ताकि OpenAI-Google से मुकाबला हो सके। 2025 में 212 टेक कंपनियों में 91,700+ छंटनियाँ हो चुकी हैं। भारत में TCS ने 20,000, जबकि Infosys-Wipro-Tech Mahindra ने 10,000+ रोल्स काटे।

AI प्रोफेशनल्स के लिए सबक

🎯 अब सिर्फ टेक्निकल स्किल्स काफी नहीं। लगातार सीखना और खुद को रीइन्वेंट करना जरूरी है। AI ट्रेनिंग जॉब्स में 1265% और AI सॉफ्टवेयर इंजीनियर में 423% ग्रोथ हुई। Machine Learning Engineers, AI Architects, Data Scientists और AI Trainers की डिमांड आसमान छू रही। जो स्ट्रैटेजिक थिंकिंग, इनोवेशन और लीडरशिप के साथ AI जोड़ेंगे, वही आगे बढ़ेंगे।

मेटा छंटनी से AI करियर में अनिश्चितता बढ़ी, लेकिन नए अवसर भी खुल रहे हैं। भारत का AI मार्केट 2027 तक 17 बिलियन डॉलर का हो सकता है। ग्लोबल AI वर्कफोर्स कैपिटल बनने का मौका है। सवाल वही—क्या भारतीय प्रोफेशनल्स इस क्रांति के लिए तैयार हैं?

❓ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
मेटा AI सुपरइंटेलिजेंस लैब्स में कितनी छंटनी हुई है?

मेटा ने अपने AI सुपरइंटेलिजेंस लैब्स में लगभग 600 कर्मचारियों की छंटनी की, जो AI इंफ्रास्ट्रक्चर, FAIR रिसर्च यूनिट और प्रोडक्ट टीमों में थे।

मेटा AI यूनिट नौकरी कटौती का कारण क्या है?

चीफ AI ऑफिसर अलेक्जेंडर वांग ने कहा कि यह संगठन को तेज, कुशल और कम बोझिल बनाने के लिए है, ताकि फैसले जल्दी हों।

क्या मेटा सुपरइंटेलिजेंस लैब्स layoffs से TBD लैब प्रभावित हुई?

नहीं, TBD लैब—जो अगली जेनरेशन AI मॉडल्स पर काम कर रही है और महंगे हायर्स वाली है—को बचाया गया।

मेटा AI पुनर्गठन का भारतीय AI प्रोफेशनल्स पर क्या असर?

भारत में AI जॉब्स की डिमांड बढ़ रही, लेकिन प्रतिस्पर्धा भी। स्किलिंग-रीस्किलिंग वाले आगे, पारंपरिक रोल्स खतरे में।

AI करियर में सुरक्षित भविष्य के लिए क्या करें?

AI टूल्स सीखें, नई स्किल्स अपनाएँ, स्ट्रैटेजिक थिंकिंग बढ़ाएँ और खुद को लगातार रीइन्वेंट करें—इंडस्ट्री तेजी से बदल रही है।

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