Dev Accelerator IPO GMP

Dev Accelerator IPO: GMP से संभावित बढ़त के संकेत 📈

GMP क्या संकेत दे रहा है? 🚀

मार्केट में हलचल तेज है क्योंकि Dev Accelerator IPO का ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) 10–11 रुपये तक पहुंच गया है, जबकि 10 सितम्बर को इसका खुलना तय है। 6–7 सितम्बर को ₹9 से 8 सितम्बर को ₹10 और कुछ ट्रैकर्स के अनुसार ₹11 तक का उछाल, अनुमानित लिस्टिंग प्राइस ₹70–₹72 का संकेत देता है। यह ₹61 के ऊपरी प्राइस बैंड पर लगभग 15%–18% की संभावित बढ़त दिखाता है। हालांकि, GMP एक अनौपचारिक संकेतक है जो डिमांड और सप्लाई पर आधारित होता है, इसलिए निवेशकों को कंपनी के मूलभूत आंकड़ों और ऑफर के उद्देश्यों पर भी नजर रखनी चाहिए। 📊

IPO की मुख्य जानकारियां 📋

Dev Accelerator, जिसे DevX के नाम से भी जाना जाता है, 2.35 करोड़ शेयरों के फ्रेश इश्यू के जरिए ₹143.35 करोड़ जुटाने जा रहा है। बुक-बिल्ट इश्यू का प्राइस ₹56–₹61 प्रति शेयर है। रिटेल निवेशकों के लिए न्यूनतम लॉट साइज 235 शेयर है यानी कम से कम ₹14,335 का निवेश जरूरी होगा। IPO का रजिस्ट्रेशन Kfin Technologies और बुक-रनिंग मैनेजर Pantomath Capital Advisors कर रहे हैं। यह 10 सितम्बर से 12 सितम्बर 2025 तक बोली के लिए खुलेगा। 15 सितम्बर को अलॉटमेंट, 16 सितम्बर को रिफंड और डिमैट क्रेडिट तथा 17 सितम्बर को BSE और NSE पर संभावित लिस्टिंग तय है। 🗓️

कंपनी की मजबूती 💪

2017 में स्थापित, DevX भारत के लचीले कार्यस्थल (flexible workspace) सेक्टर में अग्रणी है। यह Tier 1 और Tier 2 शहरों में काम करता है और 230–250 क्लाइंट्स को सेवाएं देता है। कंपनी 12,000–14,000 सीटें 8 लाख वर्ग फीट से अधिक क्षेत्र में संचालित करती है। IPO से जुटाई गई रकम का उपयोग ₹73.12 करोड़ फिट-आउट और ₹35 करोड़ ऋण चुकाने (NCD रिडेम्प्शन सहित) में होगा। इससे बैलेंस शीट मजबूत होगी और विस्तार की संभावनाएं बढ़ेंगी। मल्टी-सिटी उपस्थिति और आधुनिक कार्यस्थल समाधान पर ध्यान कंपनी को बढ़ते बिज़नेस परिदृश्य में मजबूत स्थिति देता है। 🌆

जोखिम और वैल्यूएशन ⚠️

मजबूती के बावजूद, Dev Accelerator का वैल्यूएशन चिंता पैदा करता है। कंपनी का P/E रेश्यो लगभग 321 है, जबकि इसके प्रतिद्वंदी Awfis का P/E करीब 61 है। यह अंतर इसे उच्च जोखिम वाला बनाता है। कार्यस्थल सेक्टर चक्रीय (cyclical) है, जो व्यापक आर्थिक बदलावों से प्रभावित हो सकता है। GMP-आधारित उत्साह कभी भी बदल सकता है और लिस्टिंग के दिन का नतीजा मार्केट सेंटिमेंट और सब्सक्रिप्शन स्तर पर निर्भर करेगा। 🔍

क्या निवेशक इसे चुनें? 🤔

शॉर्ट-टर्म ट्रेडर्स के लिए GMP का रुझान 15%–18% की संभावित लिस्टिंग बढ़त का संकेत देता है, लेकिन यह निश्चित नहीं है। अनुशासित रणनीति अपनाना जैसे तय बजट और GMP संकेतित प्राइस पर एक्ज़िट लेना, जोखिम को कम कर सकता है। लॉन्ग-टर्म निवेशकों को कंपनी का विस्तार, ऋण घटाने और Tier 2 मार्केट में मांग का फायदा मिल सकता है। लेकिन, ऊंचा वैल्यूएशन और सेक्टर की चक्रीय प्रकृति सावधानी की मांग करती है। लिस्टिंग के बाद के क्वार्टर में कंपनी की अर्निंग्स, ऑक्यूपेंसी और विस्तार पर नजर रखना जरूरी होगा। 📅

मिनी केस स्टडी: रिटेल निवेशक की रणनीति 🧑‍💼

हाल ही में एक कोवर्किंग IPO में GMP ₹10–₹12 था। एक रिटेल निवेशक ने तय बजट लगाया और लिस्टिंग-डे पर GMP रेंज पर प्रॉफिट लेकर बाहर निकल गए। इस तरह उन्होंने इंट्राडे स्पाइक्स का पीछा करने से बचा और छोटे लेकिन सुरक्षित मुनाफे कमाए। बाद में, कंपनी की पहली तिमाही के मजबूत नतीजों के बाद उन्होंने दोबारा निवेश किया। यह दो-चरणीय रणनीति—GMP को शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग संकेत मानना और लॉन्ग-टर्म होल्डिंग के लिए फंडामेंटल देखना—Dev Accelerator जैसे IPO में संतुलित दृष्टिकोण देती है। 📉

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *