क्या आने वाले दिनों में सोने की दर घटेगी? जानिए सच!
सोने के दाम इन दिनों आसमान छू रहे हैं और निवेशकों के मन में यह सवाल बार-बार उठ रहा है कि क्या आने वाले दिनों में सोने की दर घटेगी। 6 अक्टूबर 2025 तक भारत में 24 कैरेट सोने की कीमत ₹1,19,848 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई है, जो एक साल पहले के मुकाबले में 48% की वृद्धि दर्शाती है।
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि सोने की कीमतों में मौजूदा तेजी कई अहम कारकों से प्रेरित है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सोने की कीमत $3,900 प्रति औंस के पार पहुंच गई है, जो इसके इतिहास की सबसे ऊंची कीमत है। यह तेजी मुख्य रूप से भू-राजनीतिक तनाव, अमेरिकी सरकार के बंद होने की चिंता और सुरक्षित निवेश की बढ़ती मांग के कारण है।
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने हाल ही में कहा है कि सोने की कीमतें अब वैश्विक अनिश्चितता का एक नया बैरोमीटर बन गई हैं, जैसा कि पहले कच्चे तेल की कीमतें हुआ करती थीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि भू-राजनीतिक तनावों के बावजूद तेल की कीमतें स्थिर रही हैं, लेकिन सोने की कीमतों में उछाल देखा गया है।
विशेषज्ञों के अनुसार सोने की दर घटेगी या बढ़ेगी, इसका फैसला कई तत्वों पर निर्भर करता है। पहला, मुद्रास्फीति की दर जो भारत में बढ़ती जा रही है। जब महंगाई बढ़ती है, तो लोग अपनी संपत्ति की सुरक्षा के लिए सोने की तरफ रुख करते हैं। दूसरा, अमेरिकी डॉलर की मजबूती जो सोने की कीमतों को प्रभावित करती है।
भारतीय बाजार में सोने की कीमतों पर सबसे अधिक प्रभाव आयात शुल्क का पड़ता है। वर्तमान में सोने पर 6% आयात शुल्क लगता है, साथ ही 3% GST भी देना होता है। इससे अंतर्राष्ट्रीय बाजार में होने वाली कोई भी कीमत वृद्धि भारतीय उपभोक्ताओं के लिए और भी महंगी हो जाती है।
केंद्रीय बैंकों की नीतियां भी सोने की कीमतों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। RBI की ब्याज दर नीति सीधे तौर पर सोने की मांग को प्रभावित करती है। जब ब्याज दरें कम होती हैं, तो निवेशक सोने की तरफ आकर्षित होते हैं क्योंकि दूसरे निवेश विकल्प कम लाभदायक हो जाते हैं।
त्योहारी सीजन का भी सोने की कीमतों पर गहरा प्रभाव पड़ता है। धनतेरस और दिवाली के नजदीक आने से सोने की मांग में तेजी आई है। भारत में सांस्कृतिक परंपराओं के कारण त्योहारी सीजन में सोने की खरीदारी काफी बढ़ जाती है।
अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में सोना और भी महंगा हो सकता है। JP Morgan के एनालिस्ट्स का पूर्वानुमान है कि 2025 की चौथी तिमाही तक सोने की कीमत $3,675 प्रति औंस तक पहुंच सकती है। Goldman Sachs की रिपोर्ट के अनुसार सोना $4,000 के निशान को भी पार कर सकता है।
सोने की कीमत भविष्य में क्या होगी, इसके लिए कई संकेतक देखने होंगे। पहला, अमेरिकी फेड की ब्याज दर नीति। यदि फेड ब्याज दरों में और कटौती करता है, तो सोने की कीमतें बढ़ सकती हैं। दूसरा, डॉलर की मजबूती या कमजोरी। तीसरा, वैश्विक भू-राजनीतिक स्थितियां।
भारतीय संदर्भ में देखें तो रुपए की कमजोरी सोने को और महंगा बना रही है। जब भी डॉलर के मुकाबले रुपया गिरता है, सोने का आयात महंगा हो जाता है। इससे घरेलू कीमतों में वृद्धि होती है।
केंद्रीय बैंकों की सोना खरीदारी भी बढ़ रही है। विशेषकर BRICS देश अपने भंडार में सोने का हिस्सा बढ़ा रहे हैं। यह रणनीतिक फैसला डॉलर पर निर्भरता कम करने के लिए लिया जा रहा है।
औद्योगिक मांग भी सोने की कीमतों को प्रभावित करती है। इलेक्ट्रॉनिक्स और टेक्नोलॉजी सेक्टर में सोने का इस्तेमाल लगातार बढ़ रहा है। मोबाइल फोन, कंप्यूटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में सोने की जरूरत होती है।
माइनिंग कंपनियों की उत्पादन लागत भी बढ़ रही है। पर्यावरणीय नियमों के कारण सोना निकालना पहले से कहीं अधिक महंगा हो गया है। इससे सप्लाई में कमी और कीमतों में वृद्धि हो रही है।
बाजार विशेषज्ञ संदीप रायचुरा का कहना है कि सोना ₹1,44,000 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है। यह अनुमान मौजूदा आर्थिक परिस्थितियों और वैश्विक अनिश्चितता के आधार पर लगाया गया है।
दिवाली तक सोने की कीमतों में और तेजी की उम्मीद है। एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि त्योहारी मांग के कारण सोना ₹1,22,000 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है। यह अनुमान मांग-आपूर्ति के संतुलन और सीजनल ट्रेंड के आधार पर लगाया गया है।
निष्कर्ष यह है कि क्या आने वाले दिनों में सोने की दर घटेगी का सीधा जवाब नकारात्मक है। तमाम संकेतक बताते हैं कि सोने की कीमतें और बढ़ने की संभावना है। हालांकि, निकट भविष्य में कुछ सुधार हो सकता है, लेकिन दीर्घकालिक रुझान तेजी का ही है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या दिवाली के बाद सोने की दर घटेगी?
विशेषज्ञों के अनुसार दिवाली के बाद थोड़ी गिरावट हो सकती है, लेकिन मुख्य ट्रेंड तेजी का ही रहेगा। वैश्विक कारक इसे प्रभावित करते रहेंगे।
आने वाले महीनों में सोने की कीमत कितनी हो सकती है?
बाजार पूर्वानुमान के अनुसार दिसंबर 2025 तक सोना ₹1,25,000 से ₹1,30,000 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है।
भविष्य में सोना खरीदना फायदेमंद रहेगा?
मुद्रास्फीति और वैश्विक अनिश्चितता को देखते हुए सोना एक अच्छा हेज बना रह सकता है, लेकिन निवेश से पहले विशेषज्ञ सलाह लें।
क्या सरकारी नीतियां सोने की दर को प्रभावित करेंगी?
हां, आयात शुल्क में कोई भी बदलाव, GST दरों में संशोधन और RBI की मौद्रिक नीति सोने की कीमतों को सीधे प्रभावित करती है।
सोना खरीदने का सबसे अच्छा समय कब है?
कोई भी निश्चित समय नहीं है, लेकिन बाजार में गिरावट के दौरान खरीदारी फायदेमंद हो सकती है। हमेशा छोटी मात्रा में नियमित खरीदारी करना बेहतर रणनीति है।

[…] है कि निवेशक तेजी का पीछा करने के बजाय गिरावट पर खरीदारी करें। मिराई एसेट शेरेखान के विश्लेषक […]
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