ट्रंप को भारत पर शुल्क खत्म करने का आग्रह — U.S. सांसदों की अपील 🔔
अमेरिकी राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया है जब U.S. कांग्रेस के 21 सदस्यों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक खुला पत्र लिखकर भारत पर शुल्क खत्म करने का आग्रह किया है। इस पहल का नेतृत्व कांग्रेसवुमन डेबोराह रॉस और कांग्रेसमैन रो खन्ना ने किया है, जिसमें उन्होंने ट्रंप से अमेरिका और भारत के बिगड़ते रिश्तों को सुधारने की अपील की है।
अगस्त 2025 में ट्रंप प्रशासन ने भारतीय सामानों पर शुल्क बढ़ाकर 50% कर दिया था, जिसमें 25% ‘पारस्परिक’ शुल्क और रूस से तेल खरीद के जवाब में अतिरिक्त 25% शुल्क शामिल था। सांसदों ने कहा है कि ये दंडात्मक उपाय भारतीय निर्माताओं को नुकसान पहुंचा रहे हैं और अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए कीमतें बढ़ा रहे हैं।
आर्थिक साझेदारी पर प्रभाव 📈
सांसदों ने अपने पत्र में जोर दिया कि भारत-अमेरिका व्यापारिक साझेदारी दोनों देशों में लाखों नौकरियों को सहारा देती है। वित्तीय वर्ष 2025 में द्विपक्षीय अर्थव्यवस्था व्यापार रिकॉर्ड 131.84 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। अमेरिकी निर्माता सेमीकंडक्टर, स्वास्थ्य सेवा और ऊर्जा क्षेत्रों में भारत से सामग्री पर निर्भर हैं।
रणनीतिक चिंताएं 🛡️
इस अपील के पीछे गहरी रणनीतिक चिंताएं हैं। सांसदों ने चेतावनी दी कि शुल्क वृद्धि भारत को चीन और रूस जैसे देशों के करीब धकेल सकती है। Quad गठबंधन में भारत की बढ़ती भूमिका को देखते हुए यह चिंता और गंभीर है।
व्यापार पर वास्तविक प्रभाव 📉
अगस्त 2025 में भारत का निर्यात 6.7% बढ़कर 35.1 बिलियन डॉलर रहा, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि 50% शुल्क का प्रभाव सितंबर से दिखना शुरू होगा। अमेरिका को निर्यात अगस्त में घटकर 6.86 बिलियन डॉलर रहा, जो नौ महीने में सबसे कम है।
राजनीतिक संदेश 🗳️
इस पत्र पर केवल डेमोक्रेटिक सांसदों ने हस्ताक्षर किए, जिनमें रो खन्ना, राजा कृष्णमूर्ति और प्रमिला जयपाल जैसे भारतीय मूल के नेता शामिल हैं। किसी भी रिपब्लिकन सांसद ने हस्ताक्षर नहीं किए।
आर्थिक विशेषज्ञों की राय 💡
हार्वर्ड की अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने ट्रंप की शुल्क नीति को नकारात्मक बताया। उन्होंने कहा कि छह महीने बाद भी इससे अर्थव्यवस्था को कोई लाभ नहीं हुआ, बल्कि मुद्रास्फीति बढ़ी है।
भविष्य की संभावनाएं 🔮
नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने उम्मीद जताई कि दोनों देश जल्द ही व्यापार समझौते पर पहुंच सकते हैं। यदि नवंबर तक समझौता नहीं हुआ, तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।
लोकतांत्रिक मूल्यों की दुहाई 🗽
सांसदों ने कहा कि अमेरिका और भारत लोकतांत्रिक परंपराएं साझा करते हैं, जो उन्हें तानाशाही प्रतिस्पर्धियों से अलग करती हैं। यह साझेदारी दुनिया को दिखाती है कि स्वतंत्र समाज सहयोग से समृद्ध हो सकते हैं।
U.S. सांसदों ने ट्रंप से भारत पर शुल्क क्यों हटाने को कहा? ❓
21 अमेरिकी सांसदों ने ट्रंप से 50% शुल्क हटाने का आग्रह किया क्योंकि यह आर्थिक हितों को नुकसान पहुंचा रहा है और रणनीतिक साझेदारी को कमजोर कर रहा है।
शुल्क हटाने से अमेरिका को क्या लाभ होगा? 💸
शुल्क हटाने से उपभोक्ता कीमतें कम होंगी, आपूर्ति श्रृंखला सुधरेगी, और व्यापार बढ़ेगा, जो लाखों नौकरियों को सहारा देता है।
ट्रंप की भारत व्यापार नीति का क्या प्रभाव पड़ा? 📊
ट्रंप की नीति के कारण अगस्त में अमेरिका को भारतीय निर्यात घटकर 6.86 बिलियन डॉलर रहा, जो नौ महीने में सबसे कम है।
शुल्क हटाने की मांग के पीछे कौन से सांसद हैं? 👥
इस मांग का नेतृत्व डेबोराह रॉस और रो खन्ना कर रहे हैं, जिनमें 21 डेमोक्रेटिक सांसद शामिल हैं।
शुल्क हटाने का भविष्य क्या है? 🔍
नीति आयोग के अनुसार, दोनों देश व्यापार समझौते के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन नवंबर तक समझौता न होने पर स्थिति गंभीर हो सकती है।

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